संस्कृत कविता
संस्कृत कविता
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सूक्तयः
प्रचलित संस्कृत-शब्दाः
हिन्दी दिवसस्यावसरे भावनाञ्जलिः
यक्ष-युधिष्ठिर-संवादः
(महाकवि भासरचितं नाटकं मध्यमव्यायोगात् गृहीतम् )
संहतिः कार्यसाधिका
हस्तस्य भूषणं दानं ,सत्यं कण्ठस्य भूषणम् ।
ॐ असतो मा सद् गमय,
ॐ सहनाववतु सह नॊ भुनक्तु
सहवीर्यं करवावहै।
तेजस्विनावधीतमस्तु
मा विद्विषावहै।।
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संस्कृत में क्रिया के कुल नॊ रूप बनते हैं, किन्तु संभाषण के लिये रेखांकित चार क्रियापदॊं से काम चल जाता है।
तुम शब्द के साथ ही मध्यम पुरुष का प्रयॊग होता है जबकि आप कहने से अन्य पुरुष का ही प्रयॊग किया जाता है।
अपने लिये उत्तम पुरुष का प्रयॊग होता है।
एकवचन द्विवचन बहुवचन
अन्य पुरुष- पठति पठतः पठन्ति
मध्यम पुरुष पठसि पठथः पठथ
उत्तम पुरुष पठामि पठाव पठामः
पुल्लिंग स्त्रीलिंग नपुंसकलिंग
एकवचन सः [ वह ] सा [ वह ] तत [ वह ]
वहुवचन ते [ वे ] ताः [ वे ] तानि [ वे ]
एकवचन एषः [यह] एषा [यह] एतत् [यह ]
वहुवचन एते [ ये ] एताः [ ये] एतानि [ ये ]
एकवचन कः [कौन] का [कौन] किम् [क्या ]
वहुवचन के [कौन] काः [कौन] कानि [कौन ]
एकवचन भवान् [आप] भवती [आप ]
वहुवचन भवन्तः [आपलोग ]भवत्यः [आपलोग]
एकवचन अहम् [मैं] अहम् [मैं ]
वहुवचन वयम् [हम] वयम् [हम]
इसी प्रकार से निम्नलिखित अन्य क्रियापदॊं का वाक्यॊं में प्रयॊग करें।
लिखति = लिखता है
ददाति = देता है
गच्छति = जाता है
स्वीकरोति=लेता है
आगच्छति=आता है
श्रुणॊति = सुनता है
खादति = खाता है
पश्यति = देखताहै
पिबति = पीता है
जिघ्रति = सूंघता है
नयति = ले जाता है
तिष्ठति = बैठता है
आनयति = लाता है
उत्तिष्ठति = उठता है
धावति = दौडता है
नृत्यति = नाचता है
हंसति = हंसता है
इच्छति = चाहता है
रॊदति = रोता है
वसति = रहता है
करोति = करता है
पचति = पकाता है
विकसति = खिलता है
पतति = गिरता है
क्रीडति = खेलता है
बदति = बोलता है
भवति = होता है
शक्नोति = सकता है
प्रच्छति = पूछता है
गायति = गाता है
पठ धातु लृट लकार ) (भविष्य काल))( future tense )http://www.geocities.com/katare_nityagopal/sound.htm